हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी
आॅफ नोटिंघम के
वैज्ञानिकों ने डेंटल
फिलिंग के लिए
एक नयी तकनीक
ईजाद की है.
इस तकनीक में
डेंटल फिलिंग स्टेम
सेल को स्टीम्यूलेट
करने का काम
करता है, जिससे
डेंटिन बढ़ता है.
हमारे दांतों का
अधिकांश हिस्सा डेंटिन से
ही बनता है.
डेंटिन के बढ़ने
से डैमेज दांत
फिर से बढ़कर
ठीक हो जाते
हैं.

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