मेघालय का मावल्यान्नॉंग
गांव एशिया का
सबसे साफ़ सुथरा
गाँव है. इसलिए
इस गाँव को
'भगवान का अपना
बगीचा' के नाम
से जाना जाता
है. सफाई के
साथ साथ यहाँ
की साक्षरता दर
100 फीसदी है. यहां
लोग घर से
निकलने वाले कूड़े-कचरे को
बांस से बने
डस्टबिन में जमा
करते हैं और
उसे खाद की
तरह इस्तेमाल करते
हैं.
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