आजकल क्रिकेट के मैदान
में थर्ड अंपायर
की सहायता से
अंपायर 100 प्रतिशत सही फैसले
ले पाते हैं.
लेकिन क्या आपको
मालूम है कि
यह तकनीक नवंबर
1992 में दक्षिण अफ्रीका और
भारत के बीच
में खेले गए
एक टेस्ट मैच
में शुरू की
गई थी और
सचिन तेंदुलकर को
सबसे पहले थर्ड
अंपायर द्वारा आउट करार
दिया गया था.
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