गुरुवार, 27 जून 2024

शाही रुतबे वाला फल, जिसे खाते कम ,दिखाते ज्यादा थे

                                                                      

फलों का राजा भले ही आम हो लेकिन सर पर मुकुट धारण किये है अन्नानास, यह इतना खास है कि इसके नाम पर 27 जून को 'इंटरनेशनल पाइनएप्पल डे' मनाया जाता है, पुराने समय में इसकी शान ऐसी थी कि लोग अन्नानास को उधार मांग के ले जाते थे ताकि वे इसे अपने खास दावतों और उत्सवों में सजावट के तौर पर इस्तेमाल कर सकें और अपनी शान बघार सकें,आलम ये था कि इंग्लैंड के राजा चार्ल्स द्वितीय ने तो वर्ष १६७७ में अन्नानास को बतौर उपहार लेते हुए अपनी एक तस्वीर बनवायी थी ताकि उनके शाही रुतबे को बल मिले . तो आइये आज शाही अन्नानास खाकर आप भी मनाइये 'अंतर्राष्ट्रीय अन्नानास दिवस '

बुधवार, 26 जून 2024

सचिन तेंदुलकर ने ब्रैड हॉग से क्यों कहा "ऐसा फिर कभी नहीं होगा!"


भारतीय पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहना गलत नहीं है, क्योंकि वो जो कह देते थे वो करके भी दिखाते थे , एक बारऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ब्रैड हॉग ने , 2007 के हैदराबाद वनडे मैच में सचिन तेंदुलकर का विकेट लिया, और गेंद पर ऑटोग्राफ के लिए मैच के बाद उनके पास गए। तब सचिन ने ब्रैड हॉग को अपना ऑटोग्राफ दिया और कहा "ऐसा फिर कभी नहीं होगा!" और वाकई उसके बाद ऐसा फिर कभी नहीं हुआ, ब्रैड हॉग ने उसके बाद कभी सचिन का विकेट नहीं ले पाए 

 

सोमवार, 24 जून 2024

OMG इस पक्षी के पंख की कीमत लाखों में क्यों ?




न्यूजीलैंड में एक पक्षी का पंख नीलामी में करीब 23 लाख रुपयों का बिका,आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या खास था उस पंख में?और आखिर कौन था वो पक्षी जिसके पंख की कीमत इतनी ज्यादा है.दरअसल ये पंख 100 साल से भी ज्यादा समय पहले विलुप्त हो चुके पक्षी हुइया का है। हुइया पक्षी को आखिरी बार 1907 में देखा गया था, माओरी मूल निवासियों के लिए इस पक्षी का बहुत महत्व था, हुइया पक्षी के पंख से बना हेडपीस केवल माओरी के राजा ही पहन सकते थे। किंवदंती है कि जब कुछ यूरोपीय सैटलर्स न्यूजीलैंड पहुंचे तो पहले से ही दुर्लभ इस पक्षी के पंखों के प्रति उनका जुनून ही हुइया के विलुप्त होने का कारण बना।

शुक्रवार, 21 जून 2024

ऋतिक रोशन की पहली हीरोइन अमीषा पटेल नहीं बल्कि ये थी


ऋतिक रोशन की पहली मूवी का नाम लेते ही आपको "कहो न प्यार है " मूवी याद आ जाती होगी जिसमे अमीषा पटेल और ऋतिक रोशन की जोड़ी ने तहलका मचा दिया था , लेकिन ऋतिक की पहली मूवी की हीरोइन अमीषा पटेल नहीं बल्कि  रीना रॉय थी , जी हाँ जब ऋतिक 6 साल के थे तब उन्होंने रीना रॉय और जितेंद्र स्टारर मूवी 'आशा' में उनके साथ काम किया था, कमाल की बात ये है की ऋतिक के बचपन की पहली मूवी और जवानी की पहली मूवी दोनों ही सुपरहिट थीं.
 

गुरुवार, 20 जून 2024

मीठे पानी की नदियों से बना सागर नमकीन क्यों ?


क्या आपने कभी सोचा है कि सभी नदियों का पानी मीठा होता है जिसे पीने और खेती करने के उपयोग में लाते हैं, लेकिन इन नदियों के पानी से मिलकर बने सागर का पानी इतना नमकीन या खारा क्यों होता है. दरअसल शुरुआत में आदिम समुद्र शायद थोड़े कम नमकीन थे लेकिन समय के साथ साथ ,जैसे जैसे बारिश धरती पर गिरी और जमीन पर बहकर चट्टानों को तोड़ती गई और उनके खनिजों को समुद्र में ले गई जिससे समुद्र और भी ज्यादा खारा होता गया . बारिश नदियों में मीठे पानी कि पूर्ति करती हैं इसलिए उनका स्वाद नमकीन नहीं होता, लेकिन समुद्र का पानी उसमे मिलने वाली सभी नदियों से नमक और खनिज एकत्र कर लेता है और नमकीन हो जाता है.   

 

शुक्रवार, 14 जून 2024

श्रीकृष्ण के अलावा महाभारत में और कौन देख सकता था भविष्य ?

श्रीकृष्ण तो तीनों लोकों के स्वामी और त्रिकालदर्शी हैं ही जिन्हे वर्तमान ,भूत और भविष्य के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन महाभारत में एक और व्यक्ति था जो ज्योतिष शास्त्र में पारंगत था और उसे पता था कि भविष्य में क्या होने वाला है ,आपको जानकर हैरानी होगी कि वह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि सबसे छोटे पांडव सहदेव थे. उन्होंने गुरु द्रोणाचार्य से धर्म,शास्त्र, चिकित्सा के अलावा ज्योतिष विद्या भी सीखी  थी. इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने परम ज्ञानी पिता पाण्डु  के कहने पर उनकी मृत्यु के बाद उनका मष्तिष्क भी खाया था जिसके प्रभाव से सहदेव त्रिकालदर्शी बन गए . सहदेव जानते थे कि महाभारत होने वाली है और कौन किसको मारेगा, लेकिन भगवान कृष्ण ने उन्हें श्राप दिया था कि अगर वे इस बारे में किसी को बताएँगे तो उनकी मृत्यु हो जाएगी.

 

यहाँ आकर पक्षी कर लेते हैं आत्महत्या

 


आत्महत्या करने की प्रवत्ति केवल इंसानो में होती है लेकिन क्या आपने सुना है कि पक्षी भी आत्महत्या करते हैं जी हाँ असम के दिमा हासो जिले की पहाड़ी में स्थित जतिंगा घाटी एक ऐसी ही रहस्यमय  जगह है जहाँ ना केवल स्थानीय पक्षी बल्कि प्रवासी पक्षी भी पहुंच कर सुसाइड कर लेते हैं। दरअसल जतिंगा गांव में मानसून बीत जाने के बाद एक ऐसा आवरण बनता है कि स्थिति धुंध पड़ने के समान हो जाती है और इसी समय गांव में एक अजीब घटना होती है। गांव में पक्षी तेजी से उड़ते हुए किसी इमारत या पेड़ से टकरा जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। ऐसा इक्का-दुक्का नहीं, बल्कि हजारों पक्षियों के साथ होता है। सबसे अजीब बात, तो ये है कि ये पक्षी शाम सात से रात दस बजे के बीच ही ऐसा करते हैं, जबकि आम मौसम में यहाँ पक्षी नार्मल जीवन व्यतीत करते हैं.



शुक्रवार, 7 जून 2024

चिड़िया का मल क्यों होता है सफेद?


आप के ऊपर कभी न कभी चिड़िया ने मल जरूर किया होगा लेकिन आपने कभी सोचा है कि चिड़िया का मल सफ़ेद ही क्यों होता है ? दरअसल चिड़ियों के शरीर में क्लोआका नाम का एक अंग होता है जो, मल मूत्र त्यागने में मदद करता है. जब पक्षी पानी पीते हैं तो उनके शरीर में मौजूद किडनी उसे छानती है और 98 फीसदी पानी शरीर में ही एब्सॉर्ब हो जाता है. इसके बाद बची हुयी गंदगी क्लोआका में चली जाती है और वहीं से निकल जाती है.चिड़िया की पेशाब के साथ मल भी निकलता है जो नाइट्ररोजन से बना होता है. पानी के साथ मिलने पर ये अमनोनिया बन जाता है जो तुरंत शरीर से निकलना जरूर होता है. उनके शरीर का नाइट्रोजन वेस्ट यूरिक एसिड की तरह निकलता है और इस वजह से इसका रंग सफेद होता है. अगर आपने अपनी कार पर गिरे पक्षियों के मल को देखा होगा तो वो पूरी तरह मल नहीं होता, टेक्निकली उसमें पेशाब, यूरिक एसिड पेटैशियम और फॉसफेट मिला रहता है. ब्लैडर ना होने के कारण ही चिड़िया बार-बार शरीर से गंदगी को बाहर निकालती है. इस वजह से पेड़ के नीचे खड़ी गाड़ियों पर कुछ ही देर में काफी मल पड़ा दिख जाता है.

इस फोर्क के साथ खाते नहीं बल्कि सेल्फी लेते हैं

 


फोर्क से खाना तो सभी खाते हैं लेकिन स्विटज़रलैंड के वेवे में जिनेवा झील के किनारे पर एक ऐसा फोर्क है जिससे खाना नहीं खाया जाता बल्कि इसके साथ लोग फोटो खिंचवाते हैं दरअसल यह फोर्क 8 मीटर लंबा,1.3 मीटर चौड़ा स्टेनलेस स्टील का बना हुआ है. इसे फोर्क ऑफ वेवे कहते हैं . यह फोर्क वेवे स्थित एक म्यूजियम एलीमेंटेरियम का एक हिस्सा है, जिसमें भोजन और नेस्ले कम्पनी के इतिहास पर प्रदर्शनी दिखाई गई है.

बुधवार, 5 जून 2024

रामायण ना पढ़ पाने के कारण बदनाम हुआ गाँव

 


बिहार का कोरजना गाँव सालों से बड़ा धार्मिक प्रवृत्ति का गांव रहा है लेकिन करीब 100 साल पहले यहाँ एक अनोखी घटना घटी,यहाँ  एक शाम रामायण पढ़ने के लिए गांव के कई लोग जुटे. सभी लोगों ने रामायण अपने हाथों में ली फिर एक दूसरे से कहते रहे कि तुम पढ़ो, तुम पढ़ो और यही करते करते सुबह हो गयी. वहां उपस्थित कोई भी व्यक्ति रामायण नहीं पढ़ पाया. अगले दिन जब पड़ोसी गांव के लोगों को यह पता चला, तो कोरजना के लोगों का मजाक उड़ने के लिए वो पुरे गाँव को ही कोरजाना पोथी कहकर बुलाने लगे.आज इसी नाम से यह गांव बिहार में प्रचलित है.

क्या ऐश्वर्या राय और एंजलीना जोली का पूर्वज एक ही था ?


 एक रोचक स्टडी में कोपनहेगन विश्वविद्यालय के सेलुलर और मॉलीक्यूलर विभाग के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दुनिया में जितने भी लोगों की आंखे नीली हैं, उनका एक ही पूर्वज हो सकता है. उन्होंने स्टडी में पाया है कि जीन म्यूटेशन के जरिए आंखों को रंग देने वाले पिग्मेंट और संबंधित कारकों में बदलाव आया जो आगे की पीढ़ियों में दिखने लगा.इस शोध में 6 से 10 हजार साल पहले हुए एक जीन म्यूटेशन की पहचान की गई. इस म्यूटेशन के कारण मनुष्यों में नीली आंखें उभरीं. अगर ये स्टडी सही है तो ऐश्वर्या और एंजलीना जोली का पूर्वज भी एक हो सकता है 

मंगलवार, 4 जून 2024

दिल्ली का दिल नहीं था दिल्लीवालों के लिए


 दिल्ली के दिल अर्थात 'कनॉट प्लेस' के खूबसूरत आर्किटेक्चर का कारण इसके रोचक इतिहास में छिपा हुआ है, दरअसल कनॉट प्लेस का नाम इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया के तीसरे बेटे प्रिंस आर्थर के नाम पर रखा गया, जिन्हें ड्यूक ऑफ कनॉट भी कहा जाता था.कनॉट प्लेस को इंग्लैंड के बाथ में मौजूद रॉयल क्रिसेंट के डिजाइन जैसा बनाया गया था. यह दिल्ली में रहने वाले अंग्रेजों के लिए एक पॉश इलाके के तौर पर तैयार किया गया था,जिसका डिजाइन आर्किटेक्ट एडविन लुटियन ने तैयार किया था. उन्हीं के नाम पर इन इलाकों को लुटियन्स दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है.लेकिन ये इलाका आम हिन्दुस्तानियों की पहुँच से काफी दूर था 

शनिवार, 1 जून 2024

डायनासोर युग के पौधे के लिए दुल्हन की तलाश

आपको जानकर हैरानी होगी की ए आई दुनिया के सबसे अकेले पौधे के लिए साथी की तलाश कर रहा है , दरअसल ई. वूडी साइकैड्स प्रजाति का एक पौधा अपने आप में बहुत खास है , यह पौधा डायनासोर के युग से भी पहले का और पृथ्वी पर मौजूद सबसे पुराना बीज वाला पौधा है.वैज्ञानिक करीब करीब विलुप्त हो चुके नर पौधे की प्रजाति को बचाने के लिए मादा साथी की खोज कर रहे हैं.

शनिवार, 25 मई 2024

भारत की पहली एडल्ट फिल्म की हीरोइन थी मधुबाला

भारत की पहली एडल्ट फिल्म जिसे सीबीएफसी की ओर से ए सर्टिफिकेट दिया गया था, वह फिल्म "हंसते आंसू" थी। यह साल 1950 में रिलीज हुई थी, जिसे निर्देशक के बी लाल ने बनाया था। इस फिल्म में मधुबाला, मोतीलाल, गोप और मनोरमा जैसे कलाकार अहम किरदार में नजर आए थे। सेंसर बोर्ड ने फिल्म की कहानी और टाइटल पर आपत्ति जताई थी। दरअसल, हंसते आंसू फिल्म एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म थी, जिसे डबल मीनिंग शीर्षक और बोल्ड कंटेंट का हवाला देते हुए, सेंसर बोर्ड की तरफ से ए सर्टिफिकेट दिया गया था।


किसने बनाया था फिल्मों में होली के गानों का ट्रेंड


 वॉलीवुड फिल्मों में होली के गानों का ट्रेंड नया नहीं है बल्कि इन गानों की शुरुआत ब्लैक एंड वाइट दौर से हो गयी थी , साल 1940 में आयी फिल्म औरत से होली के गानों की शुरुआत की गई थी। इस फिल्म का निर्देशन महबूब खान ने किया था। इस गीत का नाम आज होली खेलेंगे साजन के संग है। इस गाने को सिंगल अनिल बिश्वास ने अपनी शानदार आवाज में गाया था। सफदार आह ने इस गाने के बोल लिखे थे। अनिल ने बतौर म्यूजिक डायरेक्टर भी इन गाने को तैयार किया था। उस समय के हिसाब से होली का यह गाना काफी शानदार बनाया गया था।


शुक्रवार, 24 मई 2024

तो आप हैं ब्यूटी एडिक्ट

अगर आप भी ऐसा करती हैं तो आप भी हैं ब्यूटी एडिक्ट-

सुबह पेपर नहीं ब्यूटी ब्लॉग और टूटोरियल्स देखना I 
पूरे दिन हेयर, नेल्स और स्किन के बारे में सोचना I
हर तरीके के आई व लिप शेड्स होने के बावजूद नए शेड की खोज ख़त्म ना होना I
गिफ्ट्स का मतलब है सिर्फ ब्यूटी प्रोडक्ट्स होना I

विराट कोहली का नाम क्यों पड़ा 'चीकू'?

विराट कोहली का निकनेम 'चीकू' है. उन्हें यह नाम क्रिकेट कोच अजीत चौधरी ने दिया था जिसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है.एक बार विराट कोहली मुंबई में अपना कोई मैच खेलने गये थे, वहां अचानक उन्हें लगा कि उनके बाल झड़ रहे हैं, तो उन्होंने डर के मारे अपने बाल छोटे-छोटे करा लिये, चूंकि उनके कान काफी बड़े हैं, तो कोच अजीत चौधरी और अन्य टीम के प्लेयर्स ने उनकी तुलना चंपक कॉमिक्स के चीकू रैबिट से कर दी, जिसके बाद से ही लोग विराट को चीकू कहने लगे.