श्रीकृष्ण तो तीनों लोकों के स्वामी और त्रिकालदर्शी हैं ही जिन्हे वर्तमान ,भूत और भविष्य के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन महाभारत में एक और व्यक्ति था जो ज्योतिष शास्त्र में पारंगत था और उसे पता था कि भविष्य में क्या होने वाला है ,आपको जानकर हैरानी होगी कि वह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि सबसे छोटे पांडव सहदेव थे. उन्होंने गुरु द्रोणाचार्य से धर्म,शास्त्र, चिकित्सा के अलावा ज्योतिष विद्या भी सीखी थी. इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने परम ज्ञानी पिता पाण्डु के कहने पर उनकी मृत्यु के बाद उनका मष्तिष्क भी खाया था जिसके प्रभाव से सहदेव त्रिकालदर्शी बन गए . सहदेव जानते थे कि महाभारत होने वाली है और कौन किसको मारेगा, लेकिन भगवान कृष्ण ने उन्हें श्राप दिया था कि अगर वे इस बारे में किसी को बताएँगे तो उनकी मृत्यु हो जाएगी.

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