सोमवार, 2 जनवरी 2017

अपने जीवन के अंतिम दिन स्वामी विवेकानंद ने अपने हाथों से धोये थे सभी शिष्यों के पैर



4 जुलाई 1902 को दुनिया से विदा लेने वाले स्वामी विवेकानंद ने जाते जाते एक अनोखा काम किया. उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिन अपने शिष्यों को बुलाकर अपने हाथों से उनके पैर धोये. और हैरानी कि बात है जिसस क्राइस्ट ने भी अंतिम दिन अपने शिष्यों के पैर धोए थे. शायद उन्हें मृत्यु का पूर्वाभास था.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें