भरतवंश में राजा
कुरु ने कुरुक्षेत्र
की भूमि पर
हल चलाकर उसे
जोता था इसीलिए
इस स्थान का
नाम कुरुक्षेत्र पड़ा
था. राजा कुरु
को देवराज इंद्र
ने वरदान दिया
था कि जो
भी व्यक्ति इस
स्थान पर युद्ध
करते हुए मरेगा,
उसे स्वर्ग की
प्राप्ति होगी. यही कारण
है कि महाभारत
का युद्ध कुरुक्षेत्र
में लड़ा गया.
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